नगरों, कस्बों और गांवों की स्थिति भयावह, जरूरत मन्दों तक नहीं पहुंची है राहत सामग्री, बसों में भाड़ा वसूली को लेकर हो रही है थू थू, राहत सामग्री पहुँचाने में भी यही हुआ तो पैदा होगी विस्फोटक स्थिति : नेता प्रतिपक्ष
लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि राज्य सरकार फसलों की कटाई को आवश्यक सेवा घोषित करे और कटाई के लिए किसानों तथा खेतिहर मजदूरों को घर से खेत और खेत से घर आने जाने की विशेष छूट दे नहीं तो बची हुई रबी की फसल घर तक नहीं पहुँच पाएगी। उन्होंने कहा है कि ऐसा हुआ तो सूबे में अनर्थ की स्थिति पैदा हो जाएगी जिसे सम्भालना बहुत मुश्किल होगा।
सोमवार को जारी एक प्रेसनोट में नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि प्राकृतिक आपदा की वजह से सूबे में खरीफ की फसल पहले ही नष्ट हो चुकी है। अब प्रशासनिक अदूरदर्शिता से कटाई नहीं हुई तो दूसरे को उबारने वाला किसान खुद बड़ी दिक्कत में फंस जाएगा। उन्होंने कहा है कि कटाई को लेकर फिलहाल तक के आदेश को स्थानीय प्रशासन और पुलिस नहीं मान रही है। इसकी वजह से किसान और मजदूर डरा हुआ है। वह कटाई करने के लिए घरों से नहीं निकल पा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि मुख्यमन्त्री ने जब लाकबन्दी में फँसे यात्रियों को बसों से निशुल्क उनके घर तक पहुँचाने की घोषणा की तो समाजवादी पार्टी ने उनकी घोषणा का स्वागत किया। मुख्यमन्त्री खुद इस काम के लिए रातभर जगकर मॉनिटरिंग करते रहे। इसके बाद भी बसों में यात्रियों से भाड़ा वसूला गया। उन्हें लगेज की तरह ठूंसा गया। बहुतों को भाड़ा वसूली के बाद भी छत पर बैठाया गया। इसे लेकर अब चौतरफा थू थू हो रही है।
नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि भूख से मुकाबले के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने जो राहत पैकेज घोषित किया है, वह अभी तक जरूरत मन्दों तक नहीं पहुँचा है। इस पैकेज की भी स्थिति बस से निःशुल्क घर पहुँचाने वाली घोषणा जैसी हुई तो चारो तरफ भयावह स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा है कि इसे देखते हुए मुख्यमन्त्री को राहत सामग्री पहुँचाने के मामले में अधिक सतर्क रहना चाहिए और इसके लिए व्यवहारिक पारदर्शी व्यवस्था करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि बिना योजना की लाकबन्दी की वजह से पैदा हुई विषम परिस्थिति में लोगों के सड़कों पर आ जाने से महानगरों में उजागर हो गई लेकिन नगरों, कस्बों और गांवों की स्थिति अभी उजागर नहीं हुई है। यह स्थिति भी काफी भयावह है। बनारस के एक गांव में घास खाते बच्चों की तस्वीर से सरकार को इसे समझना चाहिए। उन्होंने कहा है कि इन नगरों, कस्बों और गांवों में भी तीस फीसदी ऐसे लोग हैं जो रोज कमाते खाते हैं। इन लोगों तक प्रचुर मात्रा में राहत सामग्री जल्द नहीं पहुँची तो यहां भी स्थिति महानगरों की तरह नियंत्रण से बाहर हो जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि यह अच्छी बात है कि सूबे के मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री की तरह केवल मन की बात नहीं करते हैं। वह जूझते रहते हैं लेकिन फिलहाल तक उनका जूझना केवल निर्देशों तक सीमित है। उनके मन्त्री भी स्थिति से निपटने में उन्हें सहयोग करने की जगह सीरियल देख रहे हैं और अफसर जो कर रहे हैं, वह निःशुल्क घर पहुँचाने की घोषणा को अमली रूप देने में उजागर हो चुका है।
नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी मानती है कि कोरोना एक वैश्विक संकट है। इसके रोकथाम के लिए भारत सरकार को जनवरी से ही प्रयास करना चाहिए था जो नहीं हुआ। उन्होंने इसके दवा के रूप में हुई लाकबन्दी के लिए भी कोई योजना नहीं बनाई गई जिसकी वजह से आमजन की इच्छा होते हुए भी दवा के लिए हुई यह लाकबन्दी भी एक मुसीबत हो गई है। इसके बाद भी समाजवादी पार्टी कोरोना को हराने के लिए अपने तईं हर स्तर पर प्रयास कर रही है, सरकार को सहयोग कर रही है और आगे भी हर सहयोग देने को तैयार है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वह घरों में रहें और पार्टी के लोगों से भी अपील की है कि वह हर सम्भव मदद करें ताकि कोई भूखा न रहे और कोरोना को हराया जा सके।