आगरा, संजय रुस्तगी। कोरोना रूपी भूकंप का एपीसेंटर (केंद्र) रहे चीन के वुहान शहर का नाम ही शरीर में सिहरन पैदा कर देता है। महीनों इस शहर से भविष्य को लेकर भय और अवसाद पैदा करने वाली खबरें आईं, लेकिन अब यहां से संयम और संकल्प को मजबूत करने वाली आशावादी खबरें भी आ रही हैं। एटा के जलेसर निवासी डॉ. आशीष यादव व उनकी पत्नी नेहा लॉकडाउन के समय वुहान में ही थे। आशीष वुहान की टैक्सटाइल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। लौटे तो कोरोना से जंग और फतेह की तस्वीर लेकर।
Positive India : वुहान कैसे उबरा संकट से, आपबीती बताई वहां से लौटे दंपती ने