इलाहाबाद। कोरोना से चल रही जंग के दौरान कई परिवारों में खासकर युवा एवं बुजुर्ग पीढ़ी में संबंध घनिष्ठ हुए हैं।आमतौर पर अपराध की दर भी कम हुई है। हम लोग पश्चिमी समाज की सभ्यता के बजाय अपनी सभ्यता एवं संस्कृति पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं। आज हमने दुनिया को हाथ मिलाना छोड़कर नमस्कार करना सिखा दिया है। खानपान में मांसाहारी से शाकाहारी और घर में ही खाना पकाने वाली स्वच्छ जीवन शैली को अपना रहे हैं। आधुनिक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल से हम लोग एक असामाजिक स्थिति से निकलकर सामाजिक प्राणी होने का परिचय दे सकते हैं।
लॉकडाउन के बाद परिवारों में जो दूरी बनी थी अब वो सिमट गई है। वहीं इसकी वजह से अपराध का ग्राफ भी गिरा है। ...