आपने वीडियो देखे होंगे. जिसमें कोई मौलाना चिल्ला रहा है, कोरोना खुदा का अजाब है, सीएए लाने वालों पर. कुछ और मौलाना देखे होंगे, जो कह रहे थे कि हमारा कुछ नहीं होगा. ऐसे ही खुशफहमी में जीने वाले कुछ कट्टरपंथियों ने पूरे देश को कोरोना वायरस के खतरे में डाल दिया है
कुल मिलाकर कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा ने एक बार फिर देश को खतरे में डाल दिया है. बात बस तबलीगी जमात की नहीं है. बात सोच की है. कैसे. जरा गौर कीजिए... उमरा से लौटकर आए तीन दर्जन लोग कवारंटाइन की मुहर मिटाकर अपने घर चले जाते हैं. दुबई से लौटकर आया एक मुस्लिम युवक शादियों में शिरकत करता है, मस्जिदों में नमाज पढ़ता है और तीस से ज्यादा लोगों को कोरोना बांट देता है. इतना सब कुछ हो रहा है, फिर भी मंगलवार को लखनऊ में एक मस्जिद का मुतवल्ली और तमाम मुसलमान सामूहिक नमाज पढ़ने की जिद करते हैं.तुर्रा ये कि इमाम साहब कहते हैं, कोरोना हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
आपने वीडियो देखे होंगे. जिसमें कोई मौलाना या कोई बेगम चिल्ला रही है, कोरोना खुदा का अजाब है, सीएए लाने वालों पर. कुछ और मौलाना देखे होंगे, जो कह रहे थे कि हमारा कुछ नहीं होगा. ऐसे ही खुशफहमी में जीने वाले कुछ कट्टरपंथियों ने पूरे देश को कोरोना वायरस के खतरे में डाल दिया है. कोरोना और कट्टरपंथी विचारधारा के इस कॉकटेल के चलते पूरे देश में तब्लीगी जमात के लोग मौत बांट रहे हैं. दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुए धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत करने वाले दस लोगों की मौत हो चुकी है. 24 अब तक कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं. इसके अलावा देशभर में इस जलसे में शिरकत करने वाले लोग पहुंच चुके हैं. कुल मिलाकर कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा ने एक बार फिर देश को खतरे में डाल दिया है. बात बस तब्लीगी जमात की नहीं है. बात सोच की है. कैसे. जरा गौर कीजिए... उमरा से लौटकर आए तीन दर्जन लोग कवारंटाइन की मुहर मिटाकर अपने घर चले जाते हैं. दुबई से लौटकर आया एक मुस्लिम युवक शादियों में शिरकत करता है, मस्जिदों में नमाज पढ़ता है और तीस से ज्यादा लोगों को कोरोना बांट देता है. इतना सब कुछ हो रहा है, फिर भी मंगलवार को लखनऊ में एक मस्जिद का मुतवल्ली और तमाम मुसलमान सामूहिक नमाज पढ़ने की जिद करते हैं.तुर्रा ये कि इमाम साहब कहते हैं, कोरोना हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
इसलामिक संस्था तबलीगी जमात के निज़ामुद्दीन स्थित मुख्यालय में यहां 13-15 मार्च तक बड़े धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. बताया गया है कि इसमें 2000 लोग शामिल हुए थे. पॉजिटिव पाए गये सभी लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. भारत के अलग-अलग राज्यों सहित विदेशों से भी लोग इसमें शामिल हुए थे. कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रुके 18 और लोगों का टेस्ट पॉजिटिव आया है. सोमवार को तबलीगी जमात के 85 मौलानाओं को लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिनमें से 6 लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था. इसके बाद इन लोगों को हरियाणा के झज्जर स्थित एम्स अस्पताल में शिफ़्ट कर दिया गया था. इस तरह अब तक यहां रुके 24 लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आ चुका है. लेकिन इनकी करनी का नतीजा देशभर में लोग भुगत रहे हैं. कार्यक्रम में शामिल हुए 10 लोगों की अब तक कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है. मरने वाले लोगों में से 9 भारतीय थे और एक विदेशी नागरिक था. भारतीयों में से 6 तेलंगाना के थे और 1-1 शख़्स तमिलनाडु, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर का था. 19 विदेशी नागरिकों का भी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। यह मामला सामने आने के बाद जमात के मुख्यालय को सील कर दिया गया है.
सरकार ने एहतियाती क़दम उठाते हुए निज़ामुद्दीन इलाक़े को खाली करा लिया है. मंगलवार को यहां से 1034 लोगों को निकाला गया. इनमें से 334 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि 700 लोगों को क्वरेंटीन सेंटर्स में भेज दिया गया है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद ये लोग अपने राज्यों और देशों को लौट गए. ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण का ख़तरा बहुत ज़्यादा बढ़ गया है. एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई से 10 लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. इस दल में एक व्यक्ति फिलीपींस का नागरिक था, उसकी मौत कोरोना से हो चुकी है। केंद्र सरकार के एक अधिकारी मुताबिक तबलीगी जमात के सभी विदेशी सदस्यों की पहचान कर ली गयी है और वे भारत में जहां-जहां रुके हैं, सभी राज्यों के डीजीपी को उन पर नज़र रखने के लिये कहा गया है. इस मुद्दे पर मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने बैठक की. इसमें दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे. इस बैठक में जमात के प्रमुख और आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया गया.